जीवन पथ ll
आसान नहीं है जीवन पथ पर क्या इतना मुश्किल है ,
की हार मान लिया तुमने ,
सौ बार न सोचा,
एक बार ही में सब कुछ जान लिया तुमने,
वह विश्व धरोहर वह विश्व जिज्ञासा,
सब कुछ त्याग दिया तुमने,
दो घड़ी भर का जो कष्ट मिला,
जीवन से मुंह फेर लिया,
अब क्या ना रहा इस दुनिया में ,
जो तुमने ना उत्कर्ष किया,
अपनी चंचलता त्याग दी क्यों,
त्याग दिए बंधन सारे,
बंधन क्या नहीं भाये तुमको ,
जो क्षण भर में ही भूल गए
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