जीवन पथ
मैं उड़ती फिरती आसमान में,
आज जमीन पर आई हूं,
कट गए हैं मेरे पंख यह महसूस हुआ मुझको,
जब कुछ ना रहा जीवन में,
जीवन में, दर्द लगा मुझको ,
वह जो कभी शुरू न हुआ था ,
वह आज अंत हुआ है क्यों ,
जीवन में दर्द लगा मुझको ,
मैं आज जमीन पर आई हूं ।
मैं उड़ती फिरती आसमान में,
आज जमीन पर आई हूं,
कट गए हैं मेरे पंख यह महसूस हुआ मुझको,
जब कुछ ना रहा जीवन में,
जीवन में, दर्द लगा मुझको ,
वह जो कभी शुरू न हुआ था ,
वह आज अंत हुआ है क्यों ,
जीवन में दर्द लगा मुझको ,
मैं आज जमीन पर आई हूं ।
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